सच्चे प्यार की कुछ अनसुनी कहानियाँ

बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते

 मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा....
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे.... जो मौत तक वफा करे.!!

बात वफाओँ की होती तो कभी ना हारते हम
खेल नसीबोँ का था भला उसे कैसे हराते

ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो.
 ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है.!!

इस दिल की तसल्ली के लिए बस इतना ही काफी है,
जो हवा तुमको छुती है मैं उससे ही साँस लेता हूँ.!!


कोई इल्ज़ाम रह गया हैं तो, वो भी दे दो,
पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही....!!



  क्या बात है बड़े चुप चाप से बैठे हो,
कोई बात दिल पे लगी है या दिल लगा बैठे हो…!!

ज़िंदगी ने सब कुछ ले-दे कर इक यही बात सिखायी है
ख़ाली जेबों में अकसर हौसले खनकते हैं

वो लोग भी चलते है आजकल तेवर बदलकर .. 
जिन्हे हमने ही सिखाया था चलना संभल कर…!!

कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गए, 
अब दिल के मशवरों पर अमल नहीं करते..!!

तुम्ही ने सफ़र कराया था मोहब्बत की कश्ती में, 
अब नज़र ना चुरा मुझे डूबता हुआ भी देख …. 






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